लख लख दीवला री है आरती माँ
घुमर रमती आव् -२
रमती चढती है आरती माँ
माजीसा रे धाम -२
है… .ढोल बाजे है आरती माँ.
कुंमकुमीया सिरदार -२
आरतीयो में है आवजो माँ
घडी एक घुमर घाल -२
लख लख …….
लाल चुनडीया है मावडी रे
लावा मै तो आज -२
सिर पर रखडी है मावडी रे
लावा मै तो आज -२
हथो और मैं चुडलो है मावडी रे
नखलिया लाल गुलाल
आरतीया मैं हैं आप पधारो
कर सोलह श्रृंगार
लख लख …….
सुरत नगरी में हे आरती माँ
करे रे घणा नर नार
रात तेरस री हैं आप पधारो
देवो दर्शन आएं
लख लख…….
श्री माजीसा माताराणी भटियाणी ट्रस्ट मंड़ल
करो भक्तों री सहाय… .
सवाई सिंह जी री आरती मैं गाऊ बारम्बार जी – २
राठोड़ी राजा री आरती मैं गाऊ बारम्बार जी – २
पिचरंगी थारे साफो सोवे केशर घोडे असवार जी
रणचड़ी तलवार हाथ में जालो जायोरी वार जी
सवाई सिंह जी री आरती में गाऊ में बारम्बार जी
राठौडी राजा री आरती …………(१)
राठौड़ी कुल में जन्म हो पायो प्रतापसिंहजी रा लाल जी
दुखिडा भगता रा मेटण आया भूमि रो भार उतार जी
सवाई सिह जी आरती में गाऊ में बारम्बार जी (२)
राठौड़ी राजा री आरती
धूप दीप सू करु आरती नारेला री जोता सवाई जी
ढोल नगाडा बाजे नोबता झालर री झणकारजी
सवाई सिंह जी री आरती
राठौड़ी राजा री आरती…………(३)
मात स्वरुपा रे साथ विराजो, लाल बन्ना ज्यारे साथ जी
गऊ री सेवा में प्राण त्यागीया, अमर नाम हो जाय जी
सवाई सिंह जी री आरती
राठौड़ी राजा री आरती…………(४)
सांझ सवेरे करा आरती देवो दरशण आयजी
हर्षमाली ने चरणा में राखो गावा थोरी आरती
सवाई सिंग जी री आरती में गाऊ में बारम्बार जी
राठोड़ी राजा री आरती………(५)